चेहरे पर जो

चेहरे पर जो अपने दोहरी नकाब रखता हैं, खुदा उसकी चलाकियों का हिसाब रखता हैं

बेताब हम भी है..

बेताब हम भी है.. दर्द -ए -जुदाई की कसम, रोती वो भी होगी.. नज़रें चुरा चुरा के !

जमीर ही आँख नही मिलाता

जमीर ही आँख नही मिलाता वरना, चेहरा तोआईने पर टूट पड़ता है….

गम ऐ बेगुनाही के मारे है

गम ऐ बेगुनाही के मारे है,, हमे ना छेडो.. ज़बान खुलेगी तो,, लफ़्ज़ों से लहू टपकेगा.

उम्मीद से कम

उम्मीद से कम चश्मे खरीदार में आए हम लोग ज़रा देर से बाजार में आए..

तुझे रात भर

तुझे रात भर ऐसे याद किया मैंने… जैसे सुबह इम्तेहान हो मेरा ।

सवाल ये नहीं

सवाल ये नहीं रफ्तार किसकी कितनी है … सवाल ये है सलीक़े से कौन चलता है…!!

ये जरूरी तो नहीं

ये जरूरी तो नहीं कि उम्र भर प्यार के मेले हों हो सकता है कभी हम तुम अकेले हों.

ज़ुल्फ़-ए-दराज़

यार का ज़ुल्फ़-ए-दराज़ में लो आप अपने दम में सय्याद आ गया..

लिख कर बयां नही कर सकता

लिख कर बयां नही कर सकता मैं हर गुफ़्तुगू, कुछ था जो बस नज़रों से नज़रों तक ही रहा..

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