मज़ा लेते हैं

कैसे करुं भरोसा, गैरों के प्यार पर… अपने ही मज़ा लेते हैं, अपनों की हार पर..!

तुझे भूलने लगे

तेरी तस्वीर पे जमी धूल है गवाह इस बात की, हम भी तुझे भूलने लगे हैं ज़रा ज़रा …!!

दिल पे हाथ रख

तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख, मैं वही दिल, तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना….!!

जितना क़रीब था..

मिलना था इत्तेफ़ाक़, बिछरना नसीब था…वो इतना दूर हो गया जितना क़रीब था..

जवाब नहीं होते…

मत पूछ रात भर जागने की वजह अये दिल ए नादान, मोहब्बत में कुछ सवालों के जवाब नहीं होते…

कुछ पाया था

कुछ पाया था, कुछ खोया था ….! बस ये सोच के दिल बहुत रोया था ….! पर आज ये सोचकर खामोश है हम, कि जो खोया था क्या सच में कभी पाया था…

जनाब बरसों में

आप आये जनाब बरसों में हमने पी है शराब बरसों में

खूब मोहब्बत है

क्या खूब मोहब्बत है तेरी… तोड़ा भी हमें छोड़ा भी हमें …

आज होगा हिसाब

तुम कहां थे कहां रहे साहेब आज होगा हिसाब बरसों में

कब तक बाँटता रहू

मैं कब तक बाँटता रहू ख़ुदको , मुझे अपना भी तो हिस्सा रखना चाहिए ….

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