हम तो वाकिफ थे उनके अंदाज से पर वो बेवफा कब हुए पता ही नही चला
Tag: मौसम शायरी
छोटी सी बात पे
छोटी सी बात पे ख़ुश होना मुझे आता था.. पर बड़ी बात पे चुप रहना तुम्ही से सीखा..
कफन उठाओ ना मेरा
कफन उठाओ ना मेरा जमाना देख ना ले.. मै सो गया हूँ तेरी निशानिया लेकर….!!
कल अचानक देखा
कल अचानक देखा तरसी निग़ाहों को किताबे आज भी छाती से लग के सोना चाहती है
तुम्हे क्या पता
तुम्हे क्या पता, किस दर्द मे हूँ मैं.. जो लिया नही, उस कर्ज मे हूँ मैं..
बात इतनी सी थी
बात इतनी सी थी क़ि तुम अच्छे लगते हो , अब बात इतनी बढ़ गयी क़ि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता ।
जिसको तलब हो हमारी
जिसको तलब हो हमारी, वो लगाये बोली, सौदा बुरा नहीं.. बस “हालात” बुरे है.!
तुझे अपना बना लेते
ये तो इश्क़ का कोई लोकतंत्र नहीं होता, वरना रिश्वत देके तुझे अपना बना लेते |
तू पंख ले ले
तू पंख ले ले और मुझे सिर्फ हौंसला दे दे, फिर आँधियों को मेरा नाम और पता दे दे !!
ज़िन्दगी तूने लहू ले के
ज़िन्दगी तूने लहू ले के दिया कुछ भी नहीं| तेरे दामन में मेरे वास्ते क्या कुछ भी नहीं| मेरे इन हाथों की चाहो तो तलाशि ले लो, मेरे हाथों में लकीरों के सिवा कुछ भी नहीं| हमने देखा है कई ऐसे ख़ुदाओं को यहाँ, सामने जिन के वो सच मुच का ख़ुदा कुछ भी नहीं|… Continue reading ज़िन्दगी तूने लहू ले के