जब पढ़ते थे तब भी मार्च डराता था, अब कमाते हैं ,तब भी डराता हैं।
Tag: मौसम शायरी
कोई झंकार है
कोई झंकार है, नग़मा है, सदा है क्या है ? तू किरन है, के कली है, के सबा है, क्या है ? तेरी आँख़ों में कई रंग झलकते देख़े सादगी है, के झिझक है, के हया है, क्या है ? रुह की प्यास बुझा दी है तेरी क़ुरबत ने तू कोई झील है, झरना है,… Continue reading कोई झंकार है
छोड़ा हाथ उसने
छोड़ा हाथ उसने सरे-राह बस ये कहते हुये, घर मे बरकत नहीं होती पुरानी चीज़ों के रहते हुये…
मुझे तो पहले से ही
मुझे तो पहले से ही यकीन था तेरी फितरत पर,बस तेरा नज़रें फेर के जाते हुए देखना बाकी था|
मेरे घर के आईने बदल गया
मुझको मेरी शक्ल आज लग रही है अजनबी.. ना जाने कौन मेरे घर के आईने बदल गया…!!
वक़्त मेरा भी सही आयेगा
गलत निकलेगा तेरा अन्दाजा। वक़्त मेरा भी सही आयेगा ।।
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है
ज़िन्दगी बहुत ख़ूबसूरत है, सब कहते थे। जिस दिन तुझे देखा, यकीन भी हो गया।
मेरी माँ ने मुझे
सोच समझकर बर्बाद करना मुझे, बहुत प्यार से पाला है मेरी माँ ने मुझे !!
गलती करने की आदत
मेरी गलती करने की आदत नहीं फिर भी करता हूँ, क्योंकि अच्छा लगता है तेरा प्यार से समझाना..!
कल रात मौत आयी
कल रात मौत आयी थी गुस्से मेँ बोली “जान ले लुंगी तेरी.. ” मैने भी कह दिया: जिस्म ले जाओ, . “जान” तो “दोस्तों” के पास हैं..!!