मुहब्बत से तौबा तो कर चुके हैं मगर थोडा जहर ला के दे दो आज तबियत उदास है|
Tag: बेवफा शायरी
जिस से मोहब्बत की
जिस से मोहब्बत की जाए उस से मुक़ाबला नही किया जाता.
आये हो आँखों में
आये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओ, एक उम्र लग जाती है एक ख्वाब सजाने में.
बिल्कुल जुदा है
बिल्कुल जुदा है मेरे महबूब की सादगी का अंदाज, नजरे भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही !!
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो की, वो धोखा देकर भी सोचे की वापस जाऊ तो किस मुंह से जाऊ !!
मंज़ूर नहीं किसी को
मंज़ूर नहीं किसी को ख़ाक में मिलना, आंसू भी लरज़ता हुआ आँख से गिरता है…..
मैंने कल शब चाहतों की
मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी, सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया …..
परिन्दों की फिदरत से
परिन्दों की फिदरत से आये थे वो मेरे दिल में , जरा पंख निकल आये तो आशियाना छोड़ दिया ..
जिसे शिद्दत से
जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है, बस मुद्दतों से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला!
उस तीर से
उस तीर से क्या शिकवा, जो सीने में चुभ गया, लोग इधर हंसते हंसते, नज़रों से वार करते हैं।