अब पता चला… आसमान बरस नहीं… रो रहा था… वो जानता था… एक फरिश्ता आज… हमेशा के लिए… सो रहा था…
Tag: पारिवारिक शायरी
लकीरे है तो रहने दो
लकीरे है तो रहने दो किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खीच दी थी, इन्ही को अब बनायो पाला और आयो कबड़ी खेलते है,
जिंदगी एक पल है
जिंदगी एक पल है, जिसमें न आज है न कल है, जी लो इसको इस तरह, कि जो भी आपसे मिले वो यही कहे, बस यही ‘मेरी’ जिंदगी का सबसे हसीन पल है.
मत सोना कभी किसी
मत सोना कभी किसी के कन्धे पर सर रख कर, जब ये बिछडते हे तो रेशम के तकिये पर भी नीँन्द नहीँ आती..
जो सिरफिरा होते हैं
जो सिरफिरा होते हैं इतिहास वो ही लिखते हैं, समझदार तो सिर्फ़ उसे पढ़ते हैं
विरासतो में नहीं मिला मुझे कुछ भी यारो
विरासतो में नहीं मिला मुझे कुछ भी यारो इसलिए पहचान बनाना अभी बाकि है .!!
संकल्प पूरे होते हैं
सपने कभी पूरे नहीं होते , संकल्प पूरे होते हैं ।
छोड़ दी सारी खाव्हिश
छोड़ दी सारी खाव्हिश जो तुझे पसंद ना थी ए दोस्त…. तेरी दोस्ती ना सही पर तेरी ख्वाहिश आज भी पूरी करते है..!!
अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का
अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का , सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तों का .
असली प्यार तो वो होता था
असली प्यार तो वो होता था जब मां की एक बात का न मानना तो हवा में लहराती हुई “पैरागॉन “चप्पल आकर सीधी मुहं पर लगती थी!!!! 😁😁😁