मैं अपनी ताकते इन्साफ खो चुका वर्ना तुम्हारे हाथ मै मेरा फैसला नही होता..
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मैं तुझे चांद कह दूं
मैं तुझे चांद कह दूं ये मुमकिन तो है मगर लोग तुझे रात भर देखें ये गवारा नहीं मुझे|
बहुत शौक है
बहुत शौक है न तुझे ‘बहस’ का आ बैठ… ‘बता मुहब्बत क्या है’..!!
मैंने कब कहा
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी.. हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते !!
अब सजा दे ही चुके
अब सजा दे ही चुके हो तो हाल ना पूछना मैं अगर बेगुनाह निकला तो तुम्हें अफसोस बहुत होगा..
तुम्हे गुरुर ना हो जाये
तुम्हे गुरुर ना हो जाये हमे बर्बाद करने का इसीलिए सोचा हमने महफ़िल में मुस्कुराने का..
उस ने हँस कर
उस ने हँस कर हाथ छुड़ाया है अपना… आज जुदा हो जाने में आसानी है ..
मैंने कब कहा
मैंने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी.. हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते !!
बीती जो खुद पर
बीती जो खुद पर तो कुछ न आया समझ मशवरे यूं तो औरों को दिया करते थे..
तेरे मुस्कुराने का असर
तेरे मुस्कुराने का असर सेहत पे होता है, लोग पूछ लेते है..दवा का नाम क्या है..!!