तेरे बग़ैर इश्क़

तेरे बग़ैर इश्क़ हो तो कैसे हो इबादत के लिए ख़ुदा भी तो ज़रूरी होता है…..

बुरा मान गये!

गले से उन को लगाया तो बुरा मान गये! यूँ नाम ले के बुलाया तो बुरा मान गये! ये हक़ उसी ने दिया था कभी मुज को लेकिन; जो आज प्यार जताया तो बुरा मान गये! जो मुद्द्तों से मेरी नींद चुरा बैठे है; में उस के ख्वाब में आया तो बुरा मान गये! जब… Continue reading बुरा मान गये!

ख़ुबसूरत था इस

ख़ुबसूरत था इस क़दर के महसूस ना हुआ.. कैसे,कहाँ और कब मेरा बचपन चला गया….

कब तक लफ़्ज़ों की

कब तक लफ़्ज़ों की कारीगरी करता रहूँ… … समझ जाओ ना that I love you

लौटा देता कोई

लौटा देता कोई एक दिन नाराज़ हो कर … काश बचपन भी मेरा कोई अवॉर्ड होता…

ऐ उम्र कुछ

ऐ उम्र कुछ कहा मैंने, शायद तूने सुना नहीं…. तू छीन सकती है बचपन मेरा , बचपना नहीं…

कहाँ छुपा के

कहाँ छुपा के रख दूँ मैं अपने हिस्से की शराफत ! जिधर भी देखता हूँ !! उधर बेईमान खड़े हैं !

अभी तो तड़प

अभी तो तड़प-तड़प के दिन के उजालों से निकला हू… . न जाने रात के अँधेरे और कितना रुलायेंगे.

जरूरतें भी जरूरी हैं

जरूरतें भी जरूरी हैं जीने के लिये …..लेकिन … तुझसे जरूरी तो जिंदगी भी नही……..

आज दिल में एक

आज दिल में एक अजीब सा दर्द है मेरे मौला । ये तेरी दुनिया है! तो यहाँ इंसानियत क्यों मरी है।

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