रोज़ आ जाते हो बिना इत्तेला दिए ख्वाबों में…. कोई देख लेगा तो हम क्या जवाब देंगे……
Tag: जिंदगी शायरी
सख़्त हाथों से
सख़्त हाथों से भी…. छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ…. रिश्ते ज़ोर से नहीं…. तमीज़ से थामे जाते हैं…
ख्वाब बोये थे
ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है, इस मोहब्बत में , “यारों” बहुत घाटा है..
ज़िन्दगी देने वाले
ज़िन्दगी देने वाले यूँ मरता छोड़ गए, अपनापन जताने वाले यूँ तनहा छोड़ गए, जब पड़ी जरुरत हमें अपने हमसफ़र की, तो साथ चलने वाले अपना रास्ता मोड़ गए।
कुछ तो बेवफाई हैं
कुछ तो बेवफाई हैं मुझमें भी,, जो अब तक जिंदा हुं तेरे बगैर !
वो तब भी
वो तब भी थी अब भी है और हमेशा रहेगी, तुमसे मोहब्बत है पढाई नही जो पूरी हो जाऐ…!!
रुकता नही तमाशा
रुकता नही तमाशा रहता है खेल जारी उस पर कमाल देखिए दिखता नही मदारी|
मीठी यादों की
मीठी यादों की चासनीं में भिगोकर हमने। तेरे इश़्क को, मुरब्बे सा संभाल रक्खा है।
ये जो तेरे बगैर
ये जो तेरे बगैर खालीपन लगता है ….. प्यार की भाषा में,उसे ही मोहब्बत कहते है……
न किसी हमसफ़र
न किसी हमसफ़र ना हमनशीं से निकलेगा, हमारे पाँव का काँटा, हमीं से निकलेगा!