मत कूदो उस समंदर मे

मत कूदो उस समंदर मे जिसका कोई साहिल ना हो . आज हम तुम्हारे काबिल नही शायद कल तुम हमारे काबिल ना हो

हम भी फूलों कि तरह

हम भी फूलों कि तरह अपनी आदत से मजबूर है तोड़ने वाले को भी खूशबू की सजा देते है…!!

हम भी फूलों कि तरह

हम भी फूलों कि तरह अपनी आदत से मजबूर है तोड़ने वाले को भी खूशबू की सजा देते है…!!

ऐ खुदा अगर

ऐ खुदा अगर तेरे पेन की स्याही खत्म हो गयी हो तो मेरा लहू लेले बस….यु कहानिया अधूरी न लिखा कर.

ज़ख़्म दे कर

ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो, दर्द की शिद्दत, दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा क्या

बंद कर दिए हैं

बंद कर दिए हैं हम ने दरवाज़े इश्क के, पर तेरी याद है कि दरारों से भी आ जाती है|

टूट कर भी

टूट कर भी कम्बख्त धड़कता रहता है… मैने इस दुनिया मैं दिल सा कोई वफादार नहीं देखा..

एक बार भूल से

एक बार भूल से ही कहा होता की हम किसी और के भी है, खुदा कसम हम तेरे सायें से भी दूर रहते…

बड़ी अजीब सी

बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी,,,,,पहले पागल किया,,,,,,, फिर पागल कहा…फिर पागल समझ कर छोड़ दिया….

वो भी शायद रो पड़े

वो भी शायद रो पड़े खाली कागज देख कर मैंने उसको आखरी खत में लिखा कुछ भी नही

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