इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा……!! ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…!!
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बेजुबान पत्थर पे
बेजुबान पत्थर पे लदे है करोंडो के गहने मंदिरो में..! उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हें हाथों को देखा है..!!!
यूँ तो जिंदगी तेरे
यूँ तो जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी… दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो कतारें बहुत थी…!!
देख कर उसकी आँखो में
देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी… दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
दिल के जख्म
दिल के जख्म को चेहरे से…. जाहिर न होने दिया, यही जिन्दगी में…… मेरे जीने का अंदाज बन गया..
तू कर ले लाख कोशिशें
तू कर ले लाख कोशिशें❗ मेरे लड़खड़ाते कदमों को भटकाने की… ऐ ज़िन्दगी ठोकरें खा कर ही सही, सम्भल कर चलना हम भी सीख जायेंगे।
सुबह को कुछ है
सुबह को कुछ है और शाम को है कुछ और, गरीब की तकलीफ़ें अब अमीरों के लिबास जैसी है।
अच्छे होते है
अच्छे होते है बुरे लोग कम से कम अच्छे होने का दिखावा नहीं करते …..!!
जिनको हासिल नहीं
जिनको हासिल नहीं वो जान देते रहते हैं जिनको मिल जाऊं वो सस्ता समजने लगते हैं !!
खुद मेँ झाँकने के लिए
खुद मेँ झाँकने के लिए जिगर चाहिए, दूसरों की शिनाख्त मेँ तो हर शख़्स माहिर है..!!