मसला एक यह भी है जालिम दुनिया का.., कोई अगर अच्छा भी है, तो अच्छा क्यूँ है…!
Tag: शर्म शायरी
कभी तशरीफ तो
आप आते हैं कभी तारीख, महीना,कभी साल की तरह कभी तशरीफ तो हो महफ़िल में एक इंसान की तरह।।
Likhi Ja Chuki Hai ….
Kismat Pehle Hi Likhi Ja Chuki Hai …. to Koshish Karne Se Kya Milega?
इंसान बन जाना
सबसे आसान कामों में से एक है हिन्दू और मुसलमान बन जाना ! सबसे मुश्किल कामों में से एक है एक अच्छा और नेक दिल इंसान बन जाना!!
सिमट जाओ मुझमे
सुनो…..!! कुछ ऐसे सिमट जाओ मुझमे… जैसे ब्लैक एंड व्हाईट टीवी के एंटीने से पतंग उलझी रहती है…..!!
Nazar aur Naseeb
Nazar aur Naseeb ka Kuch Aisa Ittefaq hai ki……. Nazar Ko Aksar Wahi Cheez Pasand Aati Hai Jo Naseeb Mein Nahi Hoti !! aur Naseeb Me Likhi Cheez Aksar Nazar Nahi Aati…
मैं अकेला हूं
कहने को ही मैं अकेला हूं.. वैसे हम चार है.. एक मैं..मेरी परछाई.. मेरी तन्हाई.. और कुछ एहसास…
मत पूँछ मुझसे
हैं दफ्न मुझमें मेरी कितनी रौनकें, मत पूँछ मुझसे….!! उजड़ – उजड़ के जो बसता रहा, वो शहर हूँ मैं…
हमारे पास तो सिर्फ
हमारे पास तो सिर्फ तेरी याद हैं… जिंदगी तो उसे मुबारक जिसके पास तू हैं !
जी में आता है
बांध लूँ हाथों पे, सीने पे सजा लूँ तुमको, …. जी में आता है, अब तावीज़ बना लूँ तुमको !!!