चले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकर… आज इंतज़ार तेरा…दिल को हद से ज्यादा है ।
Tag: शर्म शायरी
ज़िंदा रहने का
ज़िंदा रहने का…कुछ ऐसा ‘अन्दाज़’ रखो, जो तुमको ना समझे…उन्हें’नज़रंदाज’ रखो.!!
जब वो मुझे देखकर
जब वो मुझे देखकर पहली बार मुस्कुराई थी,मैं तो उसी वक्त समझ गया की ये मुझे मुद्दतों तक रुलायेगी..
पलको पर रूका है
पलको पर रूका है समन्दर खुमार का,कितना अजब नशा है तेरे इंतजार का..
मेरे नजदीक आ के
मेरे नजदीक आ के देख मेरे अहेसास की शिद्दत, मेरा दिल कितना धड़कता है सिर्फ तेरे नाम के साथ !!
शतरंज में माहिर
बेशक ही वो शतरंज में माहिर रहे होंगे.. क्योंकि उनकी चाल पर हजारो फ़िदा है..!
ये मोहब्बत जो
ये मोहब्बत जो तुमसे है न, मुझे किसी और का होने ही नहीं देती..
काश तुम कभी
काश तुम कभी ज़ोर से गले लगा कर कहो, डरते क्यों हो पागल तुम्हारी ही तो हूँ…
मुकद्दर की लिखावट
मुकद्दर की लिखावट का एक ऐसा भी कायदा हो.. देर से किसमत खुलने वालो का दुगना फायदा हो..
आजाद कर दो
आजाद कर दो उन्हे जो रिश्तो को मजाक समझते है आजाद कर दो उन्हे जिनकी फितरत धोखा और फरेब है|