पहली शर्त है

मुस्कुराओ…. क्योंकि यह मनुष्य होने की पहली शर्त है। एक पशु कभी भी नहीं मुस्कुरा सकता।

क्रोध में दिया

मुस्कुराओ….. क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।

ऐसा नहीं कि

ऐसा नहीं कि कहने को कुछ नहीं बाकी, मैं बस देख रहा हूँ क्या ख़ामोशी भी समझते हैं सुनने वाले…!

सर्दियों में अक्सर

सर्दियों में अक्सर… चोटें ज्यादा असर करतीं हैं…..!!

याद टूट कर

जिस दिन भी तेरी याद टूट कर आती है “ऐ जान” मेरी आँखों के साथ ये बारिश भी बरस जाती है…

अजीब सी बस्ती

अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा जहाँ लोग मिलते कम, झांकते ज़्यादा है…

कदर हैं आज

फासलें इस कदर हैं आज रिश्तों में, जैसे कोई घर खरीदा हो किश्तों में

वक्त अच्छा था

वक्त अच्छा था तो हमारी गलती मजाक लगती थी वक्त बुरा है तो हमारा मजाक भी गलती लगती है..

आधे से कुछ

आधे से कुछ ज्यादा है, पूरे से कुछ कम… कुछ जिंदगी… कुछ गम, कुछ इश्क… कुछ हम…

दिल की धडकनों

दिल की धडकनों में अचानक ये इज़ाफा कैसा….. उसके होंठो पे कहीं नाम हमारा तो नही.

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