शाम से उन के तसव्वुर का नशा था इतना……. नींद आई है तो आँखों ने बुरा माना है……..
Tag: व्यंग्य
दो घूंटो में ही थी
गिलास में पड़ी, शराब के दो घूंटो में ही थी ज़िन्दगी और हम ज़िन्दगी को कहाँ कहाँ ढूंढते रहे…
उसी का इंतजार
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है? जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है? कितने खायें है धोखे इन राहों में! फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
सबक सीखाता है
हमारे तजूँबे हमें , ये भी सबक सीखाता है, की जो मख्खन लगाता है, वो ही चुना लगाता है
ख्याल दिल से
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है! दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है! कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है! कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
ख्याल दिल से
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है! दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है! कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है! कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
क्या मांगू खुदा से
क्या मांगू खुदा से में आपको पाने के बाद,किसका करू इंतेज़ार में आपके आने के बाद, क्यूँ दोस्तों पर जान लुटाते हैं लोगमालूम हुआ आपको दोस्त बनाने के बाद|
इस कदर हम
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए! कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए! आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था! आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!
प्यार मत करना
कभी किसी से प्यार मत करना! हो जाये तो इंकार मत करना! चल सको तो चलना उस राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
सोचता हूँ की
सोचता हूँ की तुझे बताऊँ की क्या हो तुम मेरे लिए… पर फिर सोचता हूँ की बात निकलेगी तो दूर तक जाएगी…