ये इनायतें ग़ज़ब की , ये बला की मेहरबानी, मेरी ख़ैरियत भी पूछी, किसी और की ज़ुबानी….
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काश कोई हम
काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती पिछे से आकर वो हमारी आंखो को छुपाती हम पुछते कौन हो तुम? और वो हस कर खुद को हमारी जान बताती|
बस तुम कोई उम्मीद
बस तुम कोई उम्मीद दिला दो मुलाकात की , फिर इन्तजार तो हम सारी उम्र कर लेंगें|
ये अलग बात है
ये अलग बात है कि वो ही न समझे हमको…. हमने जिनसे दिल से नही ,,रूह से मोहब्बत की थी।
लफ़्ज़ों के इत्तेफाक़ में
लफ़्ज़ों के इत्तेफाक़ में,यूँ बदलाव करके देख, तू देख कर न मुस्कुरा,बस मुस्कुरा के देख।।
जहा कोशिशों की
जहा कोशिशों की ऊँचाई अधिक होती है…. वहा किस्मत को भी झुकना पड़ता है ।
वो इस अंदाज़ की
वो इस अंदाज़ की मुझसे मोहब्बत चाहता है… मेरे हर ख़्वाब पर अपनी हकुमत चाहता है… !!!
सादा सा एक वादा है
सादा सा एक वादा है उन आँखों का … बंद हों तब भी तुम्हें देखेंगे.. !!!!!!!!!!
न कोई है
न कोई है छोटा न कोई बड़ा है ! अहंकार चट्टान बन कर खड़ा है !! पहाड़ा पढ़ाता है सबको ये ज़ालिम ! समय हांथ धो करके पीछे पड़ा है !!
वो जो चेहरे पे
वो जो चेहरे पे लिखी दास्तान ना पढ़ पाया,फ़ायदा नहीं कुछ उसको हाल-ए-दिल सुनाने का|