जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से

जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से करता चला गया, और हमने बात बात में हर बात मान ली।।

मेरे लिये खुशियों की

मेरे लिये खुशियों की दुआ करते हो, तुम खुद मेरे क्यों नही हो जाते।।

इश्क़ नहीं है

इश्क़ नहीं है तुमसे पर जो तुमसे है, उसके लिए कोई लफ्ज़ नहीं है।।

मेरे टूटने का

मेरे टूटने का जिम्मेदार मेरा जौहरी ही है, उसी की ये जिद थी अभी और तराशा जाय…

काश तू आये

काश तू आये और गले लगकर कहे, बस बहुत हो गया अब नही रहा जाता तेरे बिना।।

इश्क करना है

इश्क करना है किसी से तो बेहद कीजिए, हदें तो सरहदों की होती है दिलों की नही।।

बस एक बार

बस एक बार तुझसे मिलने की ख्वाईश है, तेरे सीने से लग के जी भर के रो लेना चाहते हैं।।

एक तेरी रूह ही थी

एक तेरी रूह ही थी जिसको अपने जिस्म में उतार लिया, वरना हम तो वो हैं जो खुद को धूल भी लगने ना दें।।

तुझे भूलने के लिए

तुझे भूलने के लिए मुझे सिर्फ़ एक पल चाहिए, वह पल जिसे लोग अक्सर मौत कहते हैं।।

किसी का हो कर

किसी का हो कर, फिर से खुद का होना, बहुत मुश्किल होता है।।

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