उदास रहता है

उदास रहता है मोहल्ले में बारिशों का पानी आजकल, सुना है कागज के नाव बनाने वाले बच्चे बङे हो गए है !!

उन्होंने ही रुलाया है

उन्होंने ही रुलाया है मुझको हर बार, जो कहते थे की तेरे चेहरे की उदासी गँवारा नहीं हमें !!

अपनी खुशियों की

अपनी खुशियों की चाबी किसी को न देना, लोग अक्सर दुसरो का सामान खो देते है !!

कुछ अजीब सा

कुछ अजीब सा रिश्ता है उसके और मेरे दरमियां; ना नफरत की वजह मिल रही है ना मोहब्बत का सिला..!

इतना याद ना आया

इतना याद ना आया करो की रातभर सो ना सकू, दोपहर को जब आंख खुलती है तो घरवाले नाश्ता नहीं देते !

कुछ कहे अनकहे किस्सों में

कुछ कहे अनकहे किस्सों में कैद है वह हर जंग, लोग फिर भी हर जीत पर शुक्र करते हैं किस्मत का..

मैं हौसलों की

मैं हौसलों की राह बना कर चलता रहा, वह मजबूरियों की चादर बना सोता रहा…

दर बदर पनाह को

दर बदर पनाह को भटकता है सच, झूठ महलों में अठखेलियाँ करता है…

फिर से कहो

फिर से कहो ना आज उसी अदा से, मुझे तुमसे मोहब्बत है।।

सिर्फ बेहद चाहने से

सिर्फ बेहद चाहने से क्या होता है, नसीब भी होना चाहिए किसी का प्यार पाने के लिए।।

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