ताल्लुकातों की हिफ़ाज़त के लिये बुरी आदतों का होना भी ज़रूरी है, ऐब न हों तो लोग महफ़िलों में नहीं बैठाते………..??
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उस से कह दो वो अब नहीं
उस से कह दो वो अब नहीं आए मैं अकेला बड़े मज़े में हूं
जिसकी तलवार की छनक से अकबर
जिसकी तलवार की छनक से अकबर का दिल घबराता था वो अजर अमर वो शूरवीर वो महाराणा कहला ता था फीका पड़ता था तेज सूरज का , जब माथा ऊचा करता था , थी तुझमे कोई बात राणा , अकबर भी तुझसे ड रता था
लोग अकसर उस जगह पे जाते हैं
लोग अकसर उस जगह पे जाते हैं जहा पे #इतिहास होता हैं………… #मगर हम तो जहा भी जाते हैं…. वहा #इतिहास_बना_के_आते हैं….
एक आँसू भी गिरता है
एक आँसू भी गिरता है तो लोग हजार सवाल पूछते हैं, .. ऐ बचपन लौट आ मुझे खुल कर रोना है…
अनुभव कहता है…
अनुभव कहता है… खामोशियाँ ही बेहतर हैं, शब्दों से लोग रूठते बहुत हैं
तू छोड़ दे कोशिशें..
तू छोड़ दे कोशिशें.. इन्सानों को पहचानने की…! यहाँ जरुरतों के हिसाब से .. सब बदलते नकाब हैं…! अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर. हर शख़्स कहता है- ” ज़माना बड़ा ख़राब है।”
जो आपके इंतज़ार में गुज़रती है
जो आपके इंतज़ार में गुज़रती है,बहुत मसरुफ़ होने पर भी वो फ़ुरसत कम नही होती……
हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ
हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाए कभी तो हौसला कर के नहीं कहा जाए तुम्हारा घर भी इसी शहर के हिसार में है लगी है आग कहाँ क्यूँ पता किया जाए जुदा है हीर से राँझा कई ज़मानों से नए सिरे से कहानी को फिर लिखा जाए कहा गया है सितारों को छूना… Continue reading हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ
तेरी रूह का मेरी रूह से
तेरी रूह का मेरी रूह से निकाह हो गया हैं जैसे… तेरे सिवा किसी और का सोचूँ तो नाजायज़ सा लगता हैं….