मेरी आँखों का तेरी यादों से कोई ताल्लुक़ तो है, तसवुर में जब भी आते हो…चेहरा खिल सा जाता है…
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दर्द देने के लिए
अगर मेरी शायरियो से बुरा लगे,तो बता देना दोस्तो, मै दर्द बाटने के लिए लिखता हूँ , दर्द देने के लिए नहीं॥
जिंदगी चैन से
जिंदगी चैन से गुज़र जाये…. अगर वो मेरे जहन से उतर जाये….
समझ नहीं पाता
किसी ने ज़हर कहा है किसी ने शहद कहा कोई समझ नहीं पाता है ज़ायका मोहब्बत का
गिल़ा भी किससे करें
करें किसका एतबार यहाँ, सब अदाकार ही तो हैं… और गिल़ा भी किससे करें, सब अपने यार ही तो है ।
रास्ता भटक जाए
ये मोहब्बत की राहें भी अजीब होती है,, एक रास्ता भटक जाए तो दुसरे की मंजिल खो जाती है
तेरी तारीफ में
सोचता हू तेरी तारीफ में कुछ लिखु…. फिर खयाल आया की कही पढने वाला भी तेरा दिवाना ना हो जाए….!!
तुम्हारा नाम मेरी दीवार
मेरी गली के बच्चे बहुत शरारती हैँ, आज फिर तुम्हारा नाम मेरी दीवार पर लिख गये…….
किससे और कब
मोहब्बत किससे और कब हो जाये अदांजा नहीं होता..! ये वो घर है, जिसका दरवाजा नहीं होता.
चांद की तरह
तू बिल्कुल चांद की तरह है… ए सनम.., नुर भी उतना ही.. गरुर भी उतना ही.. और दूर भी उतना ही.!.