मुसकुराहटे झुठी भी हुआ करती है, देखना नहीं समझना सीखो…
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कभी इतना मत
कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!
कोई मुझ से
कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं? सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ ? “मौसम” की या “अपनों” की
सलाह दे रहा था
कल रात मैने अपने दिल से भी रिश्ता तोड दिया…! . . पागल तेरे को भूल जाने की सलाह दे रहा था…
इसांन सुन लेगा
मिठी बाते ना कर ऐ नादान परिंदे, इसांन सुन लेगा तो पिंजरा ले आएगा..
इज्ज़त हो या धोखा
जैसा दोगे वैसा ही पाओगे.. फ़िर चाहे इज्ज़त हो या धोखा..!!
उस मोड़ से
उस मोड़ से शुरू करें चलो फिर से जिंदगी हर शय हो जहाँ नई सी और हम हो अज़नबी
तेरा ऐ दिल
माफी चाहता हूँ गुनेहगार हूँ तेरा ऐ दिल, तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं
ढूंढ रहे हो
कमियां तो पहले भी थीं मुझमें.. अब जो बहाना ढूंढ रहे हो तो वो अलग बात है.. !!
यह समझ पाओ
किसी मासूम बच्चे की तबस्सुम मेँ उतर जाओ, तो शायद यह समझ पाओ खुदा ऐसा भी होता है…