सच की हालत

सच की हालत किसी तवायफ सी है, तलबगार बहुत हैं तरफदार कोई नही.

सोचा तो नहीं था

ऐसा कोई जिंदगी से वादा तो नहीं था तेरे बिना जीने का इरादा तो नहीं था तेरे लिये रातो में चाँदनी उगाई थी क्यारियों में खुशबू की रोशनी लगाई थी जाने कहाँ टूटी है डोर मेरे ख्वाब की ख्वाब से जागेंगे सोचा तो नहीँ था शामियाने शामो के रोज ही सजाएं थे कितनी उम्मीदों के… Continue reading सोचा तो नहीं था

इस बनावटी दुनिया में

इस बनावटी दुनिया में कुछ सीधा सच्चा रहने दो, तन वयस्क हो जाए चाहे, दिल तो बच्चा रहने दो, नियम कायदो की भट्टी में पकी तो जल्दी चटकेगी, मन की मिट्टी को थोडा सा तो गीला, कच्चा रहने दो|

मंजिले तो हासिल

मंजिले तो हासिल कर ही लेगे, कभी किसी रोज,,, ठोकरे कोई जहर तो नही, जो खाकर मर जाऐगे…..

पानी फेर दो इन

पानी फेर दो इन पन्नो पर.. ताकि धुल जाये स्याही..! ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन करता है.. कभी कभी..!!!

उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है

उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है, अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती….!! ?????

जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है

जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है, जो मुसाफिर थे वो रास नहीं आये… जिन्हें चाहा वो साथ नहीं आये।

सिर्फ और सिर्फ तेरे लिए..

सिर्फ और सिर्फ तेरे लिए.. .. आज मैं चाँद भी ले आया हूँ तेरे लिए…!

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