हम तो मरेंगे

हम तो मरेंगे भी उस अंदाज से, जिस अंदाज में लोग जीने को तरसते हे……

हर रिश्ते का नाम

हर रिश्ते का नाम जरूरी नहीं होता, मेरे दोस्त……. कुछ बेनाम रिश्ते, रुकी जिंदगी को साँस देते है…

मुसीबतों से उभरती है

मुसीबतों से उभरती है शख्सियत यारो… जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का…

रिश्तों में विश्वास

अपनी कमजोरियां उन्ही लोगों को बताइये, जो हर हाल में आपके साथ मजबूती से खड़े होना जानते है” ” क्यूँकि रिश्तों में विश्वास , और मोबाईल में नेटवर्क ना हो, . . तो लोग Game खेलना शुरू कर देते हैं !!

प्रेम से देती है

प्रेम से देती है, वह है “बहन” झगङकर देता है, वह है “भाई” पुछकर देता है, वह है “पिताजी” और बिना माँगे सबकुछ दे देती है वह है…”माँ’”

Mila de khaak

Mila de khaak mein gar raasteki rukavat hoon Pata manzil ka jo de aisa pathar ban ke rehne de

खुद मुझे लिखा है

“माँ ” के लिए क्या लिखू ? “माँ ” ने खुद मुझे लिखा है ..

छेड़ने लगीं सहेलियां

छेड़ने लगीं सहेलियां उसकी उसको..मुजसे मिलने के बाद .. कि रंग क्यों बदला है तेरे होठों का उसको मिलने के बाद ..

लेकर आना उसे

लेकर आना उसे मेरे जनाजे में, एक आखरी हसीन मुलाकात होगी..! मेरे जिस्म में जान न हो मगर, मेरी जान तो मेरे जिस्म के पास होगी..!!

आज घोके मै है

अजीब उलजन मै हु मे दिल आज घोके मै है ओर घोकेबाज दिल मै……

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