एहसास जब जुड़ते है

एहसास जब जुड़ते है तब भी महसूस होते है एहसास जब टूटते है तब रूह को चीर देते है”

जब से खुद से

जब से खुद से समझोता किया है मानों हर पल टूट रहा हूँ मैं..

क्षमा चाहते हैं

दुसरो को उतनी ही जल्दी क्षमा करो, जितनी जल्दी आप ऊपर वाले से अपने लिए क्षमा चाहते हैं।

दिल पे वजन बढे

जेब का वजन बढाते हुए अगर दिल पे वजन बढे …. तो समझ लेना कि ‘सौदा’ घाटे का ही है!

समय की कीमत

समय की कीमत पेपर से पूछो जो सुबह चाय के साथ होता है, वही रात् को रद्दी हो जाता है” इसलिए, ज़िन्दगी मे जो भी हासिल करना हो… उसे वक्त पर हासिल करो….. क्योंकि, ज़िन्दगी मौके कम और धोखे ज्यादा देती है…

आज होगा हिसाब

तुम कहां थे कहां रहे साहेब आज होगा हिसाब बरसों में

कब तक बाँटता रहू

मैं कब तक बाँटता रहू ख़ुदको , मुझे अपना भी तो हिस्सा रखना चाहिए ….

समन्दर के सफ़र में

समन्दर के सफ़र में इस तरह आवाज़ दो हमको हवाएँ तेज़ हों और कश्तियों में शाम हो जाए!!!

तो क्या करता

ना शाखों ने पनाह दी ना हवाओं ने संभाला वो पत्ता आवारा न बनता तो क्या करता

ख़ुशी मुझ को

उसकी जीत से होती है ख़ुशी मुझ को, यही जवाब मेरे पास है अपनी हार का !

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