माना कि तुम

माना कि तुम गुफ़्तगू के फन में माहिर हो वफ़ा के लफ्ज़ पे अटको तो हमें याद कर लेना….

जिंदगी ने मेरे मर्ज का

जिंदगी ने मेरे मर्ज का एक बढ़िया इलाज़ बताया वक्त को दवा कहा और ख्वाहिशों का परहेज बताया|

लिखकर गज़ल हमने

लिखकर गज़ल हमने मोहब्बत का इजहार किया, वो इतने नादान थे कि हँसकर बोले एक ओर फरमाईये !!

सच का जवाब नही

ज़ायके में थोडा कड़वा है वर्ना सच का जवाब नही|

तेरे चेहरे की चमक से

तेरे चेहरे की चमक से दिखाई देता है ऐ बेवफा, तू जरूर किसी शायर की गजल रही होगी !!

दुनिया में दो तरह के लोग

दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं… एक वो जो मौका आने पर साथ ” छोड़ ” देते हैं और दूसरे वो जो साथ देने के लिऐ मौका “ढूँढ़” लेते हैं।

मोहब्बत से फतैह

मोहब्बत से फतैह करो लोगो के दिलो को, जरुरी तो नही सिकन्दर की तरह तलवार रखी जाये…

अकेले आये थे

अकेले आये थे और अकेले ही जाना है, फिर ये अकेला रहा क्यूँ नहीं जाता..

अलविदा कहते हुए

अलविदा कहते हुए जब मैंने मांगी उससे कोई निशानी वो मुस्कुरा के बोले मेरी जुदाई ही काफ़ी हैं तुझे रुलाने के लिए..!!

तुम आ गए हो

तुम आ गए हो तो अब आइना भी देखेंगे… अभी अभी तो निगाहों में रौशनी हुई है…!!!

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