बन्दे तू कर बंदगी, तो पावे दिदार । अवसर मानुष जनम का बहुरी न बारंबार ॥
Category: Urdu Shayri
मुहब्बत शोर है
मुहब्बत शोर है तो शोर मत कर इबादत है तो फिर, कुछ और मत कर
घुटन के आँसू पीता है
घुटन के आँसू पीता है , जो रिश्तों में नही किश्तों में जीता है ….
आधे से कुछ ज्यादा..
आधे से कुछ ज्यादा…पूरे से कुछ कम कुछ ज़िंदगी..कुछ गम …कुछ इश्क..और कुछ हम…
महफील भी सजी है..
महफील भी सजी है..सनम भी ऑनलाइन है… हम कनफ्युज़ है, अब इश्क करे या शायरी…?
लुढ़क जाता हूँ
लुढ़क जाता हूँ अक्सर तुझमें.. तेरे इश्क़ सी ढलान; कहीं और पाता नहीं हूँ मैं…
कभी मुझे लिखा ही नहीं..
वो एक ख़त जो तूने कभी मुझे लिखा ही नहीं…? देख मै हर रोज़ बैठ कर उसका जवाब लिखता हूँ….
जो भूल चुका है
यकीन करो। जो भूल चुका है तुम्हें वो भी याद करेगा बस, उसके मतलब की दिन आने दो।
सच को तमीज नहीं
सच को तमीज नहीं बात करने की। झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है।
भरा हो पेट
भरा हो पेट तो संसार जगमगाता है… जब सताती है भूख तो ईमान डगमगाता है…!!