गुजारिश तेरी दोस्ती

करनी है खुदा से गुजारिश तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले, हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा या फिर कभी जिंदगी न मिले।

ज़मीं पर वो

ज़मीं पर वो मेरा नाम लिखते है और मिटाते है… उनका तो टाइम पास हो जाता है कमबख्त मिटटी में हम मिल जाते है

ज़ालिम ने फ़रमाया

जलती हुई cigarate को देख कर ज़ालिम ने फ़रमाया , दिल को जलाती हे पर होठो तक तो आती हे….

लोग वाह वाह करें

ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो…. आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें..

अजीब चीज बनायीं

मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने,तेरे ही मंदिर में, तेरी ही मस्जिद में, तेरे ही बंदे, तेरे ही सामने रोते हैं, तुझे नहीं,किसी और को पाने के लिए!

आँखों में नज़र

उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को; अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा।

बेक़सूर कौन होता

बेक़सूर कौन होता हैं इस ज़माने में बस सबके गुनाह पता नहीं चलते।।

मोहब्बत ना हुई..

किस्मत ही मिली थी ऐसी .. कि चैन से जीने कि सूरत ना हुई, जिसे चाहा उसे पा न सके .. जो मिला उससे मोहब्बत ना हुई…!!

ऐसा भी नहीँ है

ऐसा भी नहीँ है कि, .. मैँ जिँदगी नही जिया हुँ . . . . मैने भी उङाई है पॉलिथीन, … तेज़ आँधी मेँ धागा बाँधकर . . .

मौजूदगी बयाँ करता है।

तजुर्बे ने शेरों को खामोश रहना सिखाया; क्योंकि दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता; कुत्ते भौंकते हैं अपने जिंदा होने का एहसास दिलाने के लिए; मगऱ जंगल का सन्नाटा शेर की मौजूदगी बयाँ करता है।

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