एक खता के बदले

इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से यूँ मदहोश होकर …. दुनिया वाले एक खता के बदले सारी वफ़ाएं भुला देते हैँ….!!!

खुदा से भी माँगा

अमल से भी माँगा वफा से भी माँगा, तुझे मैने तेरी रजा से भी माँगा, ना कुछ हो सका तो दुआ से भी माँगा, कसम है खुदा की खुदा से भी माँगा

निगाहों से भी

निगाहों से भी चोट लगती है जनाब…… जब कोई देखकर भी अनदेखा कर देताहै।..

शिकवा तकदीर का

शिकवा तकदीर का. ना शिकायत अच्छी !!!!! खुदा जिस हाल मे रखे वही जिंदगी अच्छी…….!!!!!!!

मेरे हर किस्से में

मेरे हर किस्से में तुम आते हो !!! पर मेरे हिस्से में कब आओगे ?

तकलीफ दे तो

आदत’ बना ली है। मैंने खुद को तकलीफ देने की । ताकि जब कोई अपना । तकलीफ दे तो फिर ” तकलीफ ” न हो.

अजब हाल है

अजब हाल है आदमी की शख्शियत का,.. हवस खुद की उठती है तवायफ उसको कहता है…

बदल के आते है

जिंदगी,, सुन,,, तू यहीं रुकना हम जमाना बदल के आते है,,,,,!

मुझे दर्द दिया है!

नफरत ही सही तुमने मुझे कुछ तो दिया है! इतनी बड़ी दुनिया में मुझे तन्हा किया है! मैं तुमसे शिकायत भी यार कर नही सकता, रब ने ही वसीयत में, मुझे दर्द दिया है! तुम मुझको आंसुओं की, ये बूंदें न दिखाओ, मैंने तो आंसुओं का समुन्दर भी पिया है! जाने क्यूँ दर्द ज़ख्मों से… Continue reading मुझे दर्द दिया है!

दर्द की शायद

और भी बनती लकीरें, दर्द की शायद कई शुक्र है तेरा खुदा, जो हाथ छोटा सा दिया..

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