क्या मांगू खुदा से

क्या मांगू खुदा से में आपको पाने के बाद,किसका करू इंतेज़ार में आपके आने के बाद, क्यूँ दोस्तों पर जान लुटाते हैं लोगमालूम हुआ आपको दोस्त बनाने के बाद|

इस कदर हम

इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए! कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए! आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था! आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!

प्यार मत करना

कभी किसी से प्यार मत करना! हो जाये तो इंकार मत करना! चल सको तो चलना उस राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!

आये मेरी कब्र पे

वो आये मेरी कब्र पे अपने हमसफ़र के साथ कौन कहता है के दफनाए हुए को जलाया नही जाता

बेचैन राते बिताकर

बेचैन राते बिताकर मैं किश्तें चुका रहा हूँ.. उसने एक बार मुस्कुराकर कुछ यूँ कर्ज़दार कर दिया..

दिल ही नही करता

जीतने का दिल ही नही करता अब, मेरे दोस्त, एक शख्स को जब से हारा है मैंने ।

पेट तो भरेगा !

कुछ पतंगें तो मैंने यहीं सोचकर काट दी यारों… कि उन्हें बेचकर चौराहे पर खड़े ग़रीब का पेट तो भरेगा !!!

हो सके तो

हो सके तो अब के कोई सौदा न करना मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ…..

किसकी पनाह में

किसकी पनाह में तुझको गुज़ारे” ऐ जिंदगी “, अब तो रास्तों ने भी कह दिया है ,कि घर क्यों नहीं जाते..

तड़प और ये यादें

ले लो वापस ये आँसू ये तड़प और ये यादें सारी, नही हो तुम अगर मेरे तो फिर ये सजाएँ कैसी..

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