क्या मांगू खुदा से

क्या मांगू खुदा से में आपको पाने के बाद,किसका करू इंतेज़ार में आपके आने के बाद,

क्यूँ दोस्तों पर जान लुटाते हैं लोगमालूम हुआ आपको दोस्त बनाने के बाद|

इस कदर हम

इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए!
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए!
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था!
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!

प्यार मत करना

कभी किसी से प्यार मत करना!
हो जाये तो इंकार मत करना!
चल सको तो चलना उस राह पर!
वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!

पेट तो भरेगा !

कुछ पतंगें तो मैंने यहीं सोचकर काट दी यारों…
कि उन्हें बेचकर चौराहे पर खड़े ग़रीब का पेट तो भरेगा !!!

हो सके तो

हो सके तो अब के कोई सौदा न करना
मैं पिछली मोहब्बत में सब हार आया हूँ…..

किसकी पनाह में

किसकी पनाह में तुझको गुज़ारे” ऐ जिंदगी “,
अब तो रास्तों ने भी कह दिया है ,कि घर क्यों नहीं जाते..