उम्र ज़ाया कर दी औरों के वजूद में नुक़्स निकालते निकालते इतना खुद को तराशते तो न जाने क्या से क्या हो जाते..
Category: Shayri-E-Ishq
तेरी चाहत में
में दुनिया भुला दूंगा तेरी चाहत में |
मेरी वफ़ा में थी
मेरी यादों से बच निकलो तो ….. वादा है मेरा तुमसे मैं खुद दुनिया से कह दूँगी…. कमी मेरी वफ़ा में थी !!!
रिश्ता बनाये रखे
अच्छे समय से नहीं बल्कि अच्छे इंसान से रिश्ता बनाये रखे… क्योंकि…अच्छा इंसान अच्छा समय ला सकता है लेकिन अच्छा समय अच्छा इंसान नहीं ला सकता है…
रखा करो नजदीकियां
रखा करो नजदीकियां, ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं. . . . फिर मत कहना चले भी गए… और बताया भी नहीं. . . !
उनका लगातार बरसना
आज का विचार…. बारिश की बूँदें, भले ही छोटी हों, लेकिन उनका लगातार बरसना बड़ी बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है । ऎसे ही हमारे छोटे छोटे प्रयास निश्चित ही जिन्दगी में बड़ा परिवर्तन लाने में सक्षम रहते हैं । “प्रयास छोटा ही सही पर, लगातार होना चाहिए।।
पेशा मुहब्बत है
मुझे भी आरक्षण चाहिए इश्क की इस दुनिया में ! पेशा मुहब्बत है और जात से आशिक हूँ..!
मिल ही जायेगा हमको भी
मिल ही जायेगा हमको भी कोई न कोई टूट कर चाहने वाला… अब शहर का शहर तो,बेवफा नही हो सकता॥
ज़िन्दा इन्सान के लिए हैं…..
रुकावटे तो ज़िन्दा इन्सान के लिए हैं….. मय्यत के लिए तो सब रास्ता छोड़ देते हैं…. ..
कुछ इस क़दर है
ज़माने में गद्दारी का आलम कुछ इस क़दर है…!!!! … साहिब…… कि सरहद पर खडा जवान भी सोचता होगा,,, हमला बाहर से होगा या अंदर से ?