बिकने वाले और भी है जाओ जाकर खरीद लो हम किमत से नही किस्मत से मिला करते है
Category: Shayri-E-Ishq
तू क्या लगायेगी
मेरे बर्दाश्त करने का अंदाजा तू क्या लगायेगी, तेरी उम्र से कहीं ज्यादा मेरे जिस्म पर जख्मो के निशाँ हैं..
कम्बख्त दिल के
जिस नगर भी जाएँ.. किस्से है कम्बख्त दिल के..कोई देके रो रहा है.. तो कोई लेके रो रहा है..॥
उनका कोई कसूर नहीं
वो छोड़ के गए हमें न जाने उनकी क्या मजबूरी थी; खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं ; ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।
तुम उदास क्यों हो
लोग तो लिखते रहे मेरी आँखों पर गज़ले, तुमने इतना भी ना पूछा, “तुम उदास क्यों हो”
मै खुश तो हूँ
कही दर्द की झीले, तो कही लहजे की करवटेँ.. उससे कहना मै खुश तो हूँ, मगर मेरा हर लफ़्ज रोता है..!
तुमने इतना भी
लोग तो लिखते रहे मेरी आँखों पर गज़ले, तुमने इतना भी ना पूछा, “तुम उदास क्यों हो”
जहर भी खरीदेंगे
इस जहां में फिरता है हर कोई ईमानदारी जेबें में रखकर दोस्तों अब तो जहर भी खरीदेंगे तो अपनी जुवां से चखकर
तुझसे ए जिन्दगी
शिकायते तो बहुत है तुझसे ए जिन्दगी; पर जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नही….
जिंदगी मे चुनौतियाँ
जिंदगी मे चुनौतियाँ हर किसी के हिस्से नहीं आती, क्यूंकि किस्मत भी किस्मत वालो को ही आज़माती है..