खुश किश्मत हो

तुम खुश किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना, हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है..!!

तलब ऐसी की बसा लूँ

तलब ऐसी की बसा लूँ साँसों में तुम्हें.. और किस्मत ऐसी की… दीदार के भी मोहताज है….!!

जरुरत होती है

कभी कभी ऐसा भी होता है,की सुकून के लिये, दवा की नहीं किसी के साथ की जरुरत होती है……!!

कोई अच्छी सी सज़ा दो

कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको, चलो ऐसा करो भूला दो मुझको, तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये, दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको

याद आयेगी हमारी तो

याद आयेगी हमारी तो बीते कल की किताब पलट लेना यूँ ही किसी पन्ने पर मुस्कुराते हुए हम मिल जायेंगे।

हमारी आंखों को

काश कोई हम पर प्यार जताता, हमारी आंखों को अपने होंठों से छुपाता, हम जब पूछते कौन हो तुम, मुस्कुरा कर वो अपने आप को हमारी जान बताता

पलट कर मत देखना

अब अगर तुम जाने ही लगे हो तो पलट कर मत देखना, क्योकि मौत की सजा लिखने के बाद, कलम तोड़ दी जाती है

मेरे बिन जी लोगे

उसने पुछा मेरे बिन जी लोगे ..?… साँस रुक चुकी थी ,वो समझे हम सोच रहे है ….

हैरत करूँ मलाल करूँ

हैरत करूँ मलाल करूँ  या गिला करूँ…. तुम गैर लग रहे हो बताओ मैं क्या करूँ…

मैं खुद दुनिया से

मेरी यादों से बच निकलो तो ….. वादा है मेरा तुमसे मैं खुद दुनिया से कह दूँगी…. कमी मेरी वफ़ा में थी !!!

Exit mobile version