पसंद हे मुझे उन लोगो से हारना जो मेरे हारने की वज्ह से पहली बार जीते हो
Category: Sad Shayri
कर्म देखता है
तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है, जो भी कमाया यही रह जाना है ! कर ले कुछ अच्छे कर्म, साथ यही तेरे जाना है ! रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं, लेकिन मुस्कुराने से… पराये भी अपने हो जाते हैं ! मुझे वो रिश्ते पसंद है, जिनमें ” मैं ”… Continue reading कर्म देखता है
जुबान के सच्चे
रिश्तो के बजार में आजकल.. वो लोग हमेशा अकेले पाये जाते हैं, सहाब जो दिल और जुबान के सच्चे होते हैं.
तू मुझे हकीकत में
कैसी शिकायत कैसा गिला, एक ख्वाब सा तू मुझे हकीकत में मिला
जिंदगी में आज भी
कुछ करना है, तो डटकर चल, थोड़ा दुनियां से हटकर चल, लीक पर तो सभी चल लेते है, कभी इतिहास को पलटकर चल, बिना काम के मुकाम कैसा ? बिना मेहनत के, दाम कैसा ? जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल तो राह में, राही आराम कैसा ? अर्जुन सा, निशाना रख, मन में, ना… Continue reading जिंदगी में आज भी
बड़े अजीब थे
जिन्दगी के हिसाब-किताब भी बड़े अजीब थे…. . .जब तक लोग अजनबी थे…ज्यादा करीब थे..
तुम भी बिखर जाओगे
तुम भी चाहत के समन्दर में उतर जाओगे, खुशनुमा से किसी मंजर पे ठहर जाओगे । मैने यादों में तुम्हें इस तरह पिरोया है, मै जो टूटी तो सनम तुम भी बिखर जाओगे ॥
तुम ही हो
लिख दूं तो लफ्ज़ तुम हो सोच लूं तो ख़याल तुम हो मांग लूं तो मन्नत तुम हो चाह लूं तो मुहब्बत भी तुम ही हो..
तुझसे अच्छा तो
तुम क्या जानो लाजवाब कर देतें हैं…तेरे खयाल…दिल को, मोहब्बत…तुझसे अच्छा तो ..तेरा तसव्वुर हैं..!!
अपनी वफ़ाओं का
हम ने कब माँगा है तुम से अपनी वफ़ाओं का सिला बस दर्द देते रहा करो “मोहब्बत” बढ़ती जाएगी