कुछ भीगें अल्फाज़ों ने

कुछ भीगें अल्फाज़ों ने, यूँ दिया हैं दिल पर पहरा, अंधेरे अब डराते नही, हैं रोशन हर सफर मेरा…

काश कोई रात

काश कोई रात ऐसी मिल जाये, बाँहो को तेरा साथ मिल जाये,, कुछ पल के लिए हँसी खिल जाये, फिर चाहे अगले पल मौत मिल जाये…

मेरे दिल में

मेरे दिल में उसकी हर गलती माफ हो जाती हैं,, जब वो मुस्करा के पूछती हैं, नाराज़ हो क्या…?

चर्चे इस मुलाकात के

चर्चे इस मुलाकात के हर बार सुनाई देंगे।आज मेरी छत पे एक साथ दो चाँद दिखाई देंगे।

जब रुला लेते हैं

जब रुला लेते हैं जी भर के हमें… जब सता लेते हैं जी भर के हमें… तब कहीं खुश वो ज़रा होते हैं…. और क्या एहद-ए-वफ़ा होते हैं….

तुम लाख छुपाओ ….

तुम लाख छुपाओ ……मुझसे जो रिश्ता है…. तुम्हारा सयाने कहते हैं नजर अंदाज करना भी मुहब्बत है…..

जब मोहब्बत हुई थी

जब मोहब्बत हुई थी तो लगा किसी अच्छे काम का सिला है, खबर न थी की बेगुनाहों को ऐसे भी सजा मिलती है !!

लोग कहते हैं

लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता, शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!

ऐ जिंदगी तू हँस ले

ऐ जिंदगी तू हँस ले मेरे जीने के अंदाज़ पे, वो दिन भी आएगा जब तू संवारेगी मुझे ।।

मैंने तो बिना सोचे

मैंने तो बिना सोचे मोहब्बत की है तुमसे, सोच के किया जाये उसे तो फरेब कहते है !!

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