कभी फूर्सत मिली

कभी फूर्सत मिली तो तेरी ज़ूल्फ भी सूलझाउंगा आज ऊलझा हूवा हूं हालात को सूलझाने मे

मेरी मोहब्बत में

मेरी मोहब्बत में न थी वो आग जो तुझे जला सके, और तेरी मोहब्बत में मैं इतना जला की लोग मेरी राख भी ना उठा सके।।

दिल में आया था

दिल में आया था कोई, जल्दी में था सो चला गया।।

नज़दीक आते जा रहे हो

बहुत नज़दीक आते जा रहे हो, बिछड़ने का इरादा कर लिया है क्या।।

मुझसे हर बार

मुझसे हर बार नजरें चुरा लेता है वो मैंने कागज पर भी बना कर देखी है आँखें उसकी

मैं तुझसे अब

मैं तुझसे अब कुछ नहीं मांगता ऐ ख़ुदा, तेरी देकर छीन लेने की आदत मुझे मंज़ूर नहीं।।

इस जहां में

इस जहां में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग , रुख हवा का देख कर अक्सर बदल जाते हैं लोग|

यूँ ही नहीं होती

यूँ ही नहीं होती, जनाज़ों में भीड़ साहब…!! हर शख्स अच्छा है, बस दुनिया से चले जाने के बाद…!!

यकीन करो आज

यकीन करो आज इस कदर याद आ रहे हो तुम जिस कदर तुम ने भुला रखा है मुझे|

मैं तो उस वक़्त से

मैं तो उस वक़्त से डरता हूँ कि वो पूछ न ले ये अगर ज़ब्त का आँसू है तो टपका कैसे..

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