तज़ुर्बा है मेरा…. मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है, संगमरमर पर तो हमने …..पाँव फिसलते देखे हैं…!
Category: Quotes
काश वो आकर
काश वो आकर कहे, एक दिन मोहब्बत से……!! ये बेसब्री कैसी ? तेरी हूँ, तसल्ली रख…!!
उम्र जिंदगी की
क्या बताऊ जब वो उफ़ कहा करती है कसम से उम्र जिंदगी की बढ़ जाती है |
एक दरवाजा क्या खुला
एक दरवाजा क्या खुला मुझमे फिर तो हर कोई आ बसा मुझमे|
हजारों शेर मेरे सो गये
हजारों शेर मेरे सो गये कागज की कब्रों में अजब पिता हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता|
नींद आँखों में लिये
नींद आँखों में लिये, सुस्त पड़ी है कागज पर, थकान लफ्ज़ों की मेरे, उतरी नहीं अब तक…
मेरी ख़्वाहिश है
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ… माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ..
उसकी जब मर्जी होती है
उसकी जब मर्जी होती है वो हम से बात करती हैं. पर हमारा पागलपन तो देखो हम फिर भी पूरा दिन उसकी मर्जी का इंतजार करते हैं.
करवट बदलने का
करवट बदलने का क्या फायदा, इस तरफ भी तुम, उस तरफ भी तुम……
आओ गले मिल कर
आओ गले मिल कर ये देखें अब हम में कितनी दूरी है|