लौट जाती है

लौट जाती है , हर शिकायत लबों पे आ कर मेरी जब बडे मासूम से वो कहतें हैं ,ऐसा मत कहो ना !!

दुनिया से अलग

नज़र अंदाज़ करने की वज़ह क्या है बता भी दो, मैं वही हूँ, जिसे तुम दुनिया से अलग बताती थी..

उस के सिवाय

उस के सिवाय किसी और को चाहना मेरे बस मैं है ही नही, ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी.|

बस एक मोड़

बस एक मोड़ ………. मेरी ज़िंदगी में आया था, फिर इसके बाद …….. उलझती गई कहानी मेरी

साँसों का टूट जाना

साँसों का टूट जाना तो दस्तूर है… कुदरत का…… जिस मोड़ पर अपने बदल जाये…. उसे मौत कहते है.

कितने सुलझे हुए

कितने सुलझे हुए तरीके से, मुझको उलझन में डाल जाते हो तुम…

दिल से ज़्यादा

दिल से ज़्यादा महफूज़ जगह नहीं दुनिया में, मगर……. सबसे ज़्यादा लोग लापता यहीं से होते हैं।

मैने खत को देखा

मैने खत को देखा और रख दिया बिना पढे हुए मै जानता हु उसमे भुल जाने का मशवरा होगा |

मेरी मोहब्बत है

मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही, वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही, ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो, सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही!

ऊपर वाले मेरी

ऊपर वाले मेरी तक़दीर सम्भाले रखना..! जमींन के सारे खुदाओं से उलझ बैठा हूँ मैं..!!

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