बहुत ही खूबसूरत होती है एक तरफ़ा मोहब्बत ना ही कोई शिकायत होती है और ना ही कोई बेवफ़ा कहलाता है|
Category: Mosam Shayri
कैसे भूलेगी वो
कैसे भूलेगी वो मेरी बरसों की चाहत को, दरिया अगर सूख भी जाये तो रेत से नमी नहीं जाती…
बिन बात के ही
बिन बात के ही रूठने की आदत है, किसी अपने का साथ पाने की चाहत है. . . आप खुश रहें, मेरा क्या है, मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है. . .
मैंने पूछा एक पल में
मैंने पूछा एक पल में जान कैसे निकलती है, उसने चलते चलते मेरा हाथ छोड़ दिया..
वो जब अपने हाथों की
वो जब अपने हाथों की लकीरों में मेरा नाम ढूँढ कर थक गये सर झुकाकर बोले, लकीरें झूठ बोलती है तुम सिर्फ़ मेरे हों……….
इस दिल में
इस दिल में और कांटे चुभने से पहले, ज़रा एक बार देख लो, कितना कांटे पहले ही चुभा चुकी है ये दुनिया, तेरा ये काँटा कही आखरी न हो…..
तुम्हारा हर अंदाज़
तुम्हारा हर अंदाज़ अच्छा है ! सिवाय नज़र अंदाज़ करने के !!
रिश्ते की गहराई
रिश्ते की गहराई अल्फाजो से मत नापो.. सिर्फ एक सवाल सारे धागे तोड़ जाता है…!
आज लफ्जों को
आज लफ्जों को मैने शाम को पीने पे बुलाया है, बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है…
कल रात मैंने
कल रात मैंने अपने सारे ग़म, कमरे की दीवार पर लिख डाले, बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही…