मुझे याद आ आ कर इतना बेचैन ना करो, बस एक यही सितम काफी है की तुम साथ नहीं हो !!
Category: Mosam Shayri
प्यार का रिश्ता भी
प्यार का रिश्ता भी कितना अजीब होता है, मिल जाये तो बाते लंबी और बिछड़ जायें तो यादे लंबी !!
बस एक शख्स
बस एक शख्स मेरे दिल की जिद है, ना उससे ज्यादा चाहिए ना कोई और चाहिए !!
मेरी तमाम उलझने
मेरी तमाम उलझने सुलझ जाती हैं…!जब तेरी उँगलियाँ मेरी उँगलियों में उलझ जाती हैं…!!
इंसान अगर ज्यादा मजबूत हो
इंसान अगर ज्यादा मजबूत हो जाये, तो रिश्ते कमजोर पड़ जाते है।
हमदर्दी ना करो
हमदर्दी ना करो, मुझसे ए मेरे हमदर्द यारो….. वो भी मेरे हमदर्द थे, जो दे गये दर्द हजारों…
ज़ुल्म इतना ना कर
ज़ुल्म इतना ना कर की लोग कहेँ तुझे दुश्मन मेरा.. हमने ज़माने को तुझे अपनी जान बता रखा है..
मेरी चादर तो
मेरी चादर तो छिनी थी शाम की तनहाई में, बेरिदाई को मेरी फिर दे गया तशहीर कौन…
अभी तो साथ चलना है
अभी तो साथ चलना है समंदरों की लहरों मॆं… किनारे पर ही देखेंगे… किनारा कौन करता है?
कुछ भी नहीं
कुछ भी नहीं है बाक़ी बाज़ार चल रहा है, ये कारोबार-ए-दुनिया बेकार चल रहा है|