जुदा नहीं कर पाएगा हमें..

फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमें…अगली बार आऊंगा मैं तेरे मजहब का बनके…

मेरे अज़ीज़ ही मुझ को

मेरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए हैं, मैं अपना हाल किसी अजनबी से क्या कहती….

साथ जब भी छोडना

साथ जब भी छोडना मुस्कुराकर छोडना ताकि दुनिया ये न समझे हममे दूरी हो गई…

लफ़्ज़ों की गुजरिशो में

लफ़्ज़ों की गुजरिशो में ना उलझ मंज़र…. हर गुजारिश की आरज़ू जायज़ नही होती

मेरे दिल का करार था

मेरे दिल का करार था वो जो अब कही खो गया…. मैं बाहर ढूँढता रहा उसे के वो मुझमे ही सो गया|

बढ़े बूढ़े कुएँ में

बढ़े बूढ़े कुएँ में नेकियाँ क्यों फेंक आते हैं ? कुएँ में छुप के क्यों आख़िर ये नेकी बैठ जाती है ?

सांस टूटने से

सांस टूटने से तो इंसान एक ही बार मरता है, पर किसी का साथ टूटने से इंसान पल-पल मरता है !!

मुझे याद आ आ कर

मुझे याद आ आ कर इतना बेचैन ना करो, बस एक यही सितम काफी है की तुम साथ नहीं हो !!

सिर्फ दो ही तरीके थे

इश्क ना होने के सिर्फ दो ही तरीके थे, या दिल ना होता या तुम ना होते !!

मिलने को तो

मिलने को तो दुनिया में कई चेहरे मिले, पर तुम सी मोहब्बत तो हम खुद से भी न कर पाये !!

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