बेटी का अहम

वृद्धाआश्रम में माँ बाप को देखकर सब बेटो को ही कोसते हैं भूल जाते हैं की वहां भेजने मे किसी की बेटी का अहम रोल होता है

ईल्जाम नही लगाता

मै किसी और की सूरत पर ईल्जाम नही लगाता मैं सुबह उठते ही सबसे पहले आईना देखता हूं.

चुभता तो बहुत कुछ

चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह, मगर ख़ामोश रहेता हूँ, अपनी तक़दीर की तरह|

अच्छा नही लगता

अच्छा नही लगता ये मनहूस अलार्म को सुनकर उठना, काश तुम जुल्फो से पानी झटक कर हमे भी जगाती…!

जो व्यस्त थे

जो व्यस्त थे वो व्यस्त ही निकले, . वक्त पर अस्त व्यस्त लोग ही काम आये

फिर उड़ गयी

फिर उड़ गयी नींद ये सोच कर, सरहद पर वो बहा खून मेरी नींद के लिए था..!!

मुलाक़ातें तो आज भी

मुलाक़ातें तो आज भी हो जाती है तुमसे,क्योकी ख़्वाब किसी ताले के मोहताज नही होते..!!

खुश रहा करो

खुश रहा करो, क्यों कि परेशान होने से कल की मुश्किल दूर नहीं होती, बल्कि आज का सुकून भी चला जाता है..!!!

बड़ी नादान है

बड़ी नादान है इस निकम्मे दिल की हरकतें जो मिल गया उसकी कदर ही नहीं, और जो ना मिला उसे भूलता नही!

झूठे वादों के

समेट कर ले जाओ..अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से..अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर..इनकी ज़रूरत पड़ेगी।

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