आसमान से जो

आसमान से जो फ़रिश्ते उतारे जाये वो भी इस दौर में सच बोले तो मरे जाये|

लौट आओ ना…

लौट आओ ना… और आकर सिर्फ इतना कह दो… मैं भटक गई थी, थी भी तुम्हारी और हूँ भी तुम्हारी ही…।

वैसे तो बहुत है मेरे पास

वैसे तो बहुत है मेरे पास, कहानियों के किस्से… पर खत्म हुए किस्सों में, खामोशियाँ ही बेहतर…

तुम थक तो नहीं जाओगे

तुम थक तो नहीं जाओगे इन्तजार में तब तक .? मैं मांग के आऊं खुदा से तुमको जब तक ..

मत पूछ इस जिंदगी में

मत पूछ इस जिंदगी में, इन आँखों ने क्या मंजर देखा मैंने हर इंसान को यहाँ, बस खुद से हीं बेखबर देखा।

ह्रदय की आंखो से

ह्रदय की आंखो से प्रभु का दीदार करो… दो पल का है अन्धेरा बस सुबह का इन्तेजार करो.. क्या रखा है आपस के बैर मे मेरे साथियों , छोटी सी है ज़िंदगी बस , हर किसी से प्यार करो.।

अपने मेहमान को

अपने मेहमान को पलकों पे बिठा लेती है गरीबी जानती है घर में बिछौने कम है…

खुब चर्चे हैं

खुब चर्चे हैं खामोशी के मेरी होंठ पर ही जवाब रख लूं क्या|

मैं कुछ दिन से

मैं कुछ दिन से अचानक फिर अकेला पड़ गया हूँ नए मौसम में इक वहशत पुरानी काटती है|

याद करा दी गई थीं

दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में, सो ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम।

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