ये शहर है कि नुमाइश लगी हुई है कोई, जो आदमी भी मिला, बन के इश्तिहार मिला।
Category: Love Shayri
याद ही नहीं रहता कि
याद ही नहीं रहता कि लोग छोड़ जाते हैं.आगे देख रहा था, कोई पीछे से चला गया.
तेरा आधे मन से
तेरा आधे मन से मुझको मिलने आना, खुदा कसम मुझे पूरा तोड़ देता है…
आप मुझ से
आप मुझ से, मैं आप से गुज़रूँ…. रास्ता एक यही निकलता है…..
चलो तोड़ते हैं
चलो तोड़ते हैं आज मोहब्बत के सारे के उसूल अपने, अब से बेवफाई और दगाबाज़ी दोनों हम करेंगे!
उस को हार आया हूँ
शौक का बार उतार आया हूँ.. आज में उस को हार आया हूँ.. उफ़्फ़..! मेरा आज मैकदे आना.. यू तो में कितनी बार आया हूँ..
यूँ तो मशहूर हैं
यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से……………!! मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी
haqeeqat bnaane ki
Fakat ek khwaab ko haqeeqat bnaane ki zidd me. . . . . . . Neendon se dushmani ek umr nibhaai hai maine..
Intezar bhi bemisaal
Behissab thi mohbbt.. Bepnaah tha ishk mera.. Besabab hi sahi .par mera Intezar bhi bemisaal hoga.
Bewafai ke Zakhm
Mere Zism pe teri Bewafai ke Zakhm the, Aaj maikhane me Sharab se dhokar aaya hun..!!!