ये भी अच्छा है कि हम किसी को अच्छे नही लगते … कम से कम कोई रोएगा तो नही मेरे मरने पर ..
Category: Hinglish Shayri
आखिर कब तक
आखिर कब तक इन्तजार करूं मैं तुम्हारा , मैं आशिक हूँ ,धरने पर बैठा कोई सुनार नही |
दिखा के मदभरी आंखें
दिखा के मदभरी आंखें कहा ये साकी ने, हराम कहते हैं जिसको यह वो शराब नहीं
मौला तू भी
मौला तू भी कमाल करता है। आँखे ब्लैक & व्हाइट देता है। और ख़्वाब रंगीन दिखाता है ।
आज तक बहुत
आज तक बहुत भरोसे टूटे, मगर भरोसे की आदत नहीं टूटी।
टूटते अंधेरो से
टूटते अंधेरो से पूछना रौशनी की हकीकत आफ़ताब बिखर जाते है जब वक़्त पर भूख मिट जाये।
रात थी और स्वप्न था
रात थी और स्वप्न था तुम्हारा अभिसार था ! कंपकपाते अधरद्व्य पर कामना का ज्वार था ! स्पन्दित सीने ने पाया चिरयौवन उपहार था , कसमसाते बाजुओं में आलिंगन शतबार था !! आखेटक था कौन और किसे लक्ष्य संधान था ! अश्व दौड़ता रात्रि का इन सबसे अनजान था ! झील में तैरती दो कश्तियों… Continue reading रात थी और स्वप्न था
कीमतें रोटी की
कीमतें रोटी की क्या हैं,मुफ़लिसों से पूछिए, भाव जो देखें हैं,तुमने झूठ हैं,,,, अखबार के…।।
नज़र को नज़र की
नज़र को नज़र की खबर ना लगे, कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे, आपको देखा है बस उस नज़र से, जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे..!!
तपिश अपने बदन की
तपिश अपने बदन की मुझको दे दे, मैं पत्थर हूँ पिघलना चाहता हूँ……!!