गुम अगर सूई भी

गुम अगर सूई भी हो जाए तो दिल दुखता है और हमने तो मुहब्बत में तुझे खोया था…

सब आ जातें हैं

सब आ जातें हैं यूँ ही मेरी ख़ैरियत’ पूछने….!! अगर तुम भी पूछ लो तो यह ‘नौबत’ ही न आए…….।।

मेरे मुकद्दर में

मेरे मुकद्दर में तो सिर्फ यादें है तेरी…. . . जिसके नसीब में तू है…उसे ज़िन्दगी मुबारक…!!!

कागज़ों पे लिख कर

कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं, मै वो शख़्स नहीं, मैं वो शायरा हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है…।।

उसने तारीफ़ ही

उसने तारीफ़ ही कुछ इस अन्दाज़ से की ,,, अपनी ही तस्वीर को सौ बार देखा मैने..।।

जब तुम करीब होते हो

जब तुम करीब होते हो तो मदहोश हुए जाते है जब दूर होते हो तो ख्यालों में ग़ुम हुए जाते है…..

सँभल के रहिएगा

सँभल के रहिएगा ग़ुस्से में चल रही है हवा, मिज़ाज गर्म है मौसम बदल रही है हवा…

मैं पा नहीं सका

मैं पा नहीं सका इस कशमकश से छुटकारा​ तू मुझे जीत भी सकता था मगर हारा क्यूँ|

अच्छा है तुम्हारा दिल

अच्छा है तुम्हारा दिल, खवाबो से मान जाता है.. . कम्बक्त हमारा दिल है की रूबरू होने को तड़पता है….

ठोकरे खाकर भी

ठोकरे खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब..,,, राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते है…

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