इंसान हम पेचीदा ही सही, शख्सियत हमारी संजीदा है।
Category: Love Shayri
जो आपके अल्फाज़ों को
जो आपके अल्फाज़ों को न समझ पाये… वो आपकी खामोशी को क्या समझेंगे……..
न जाने कैसी नज़र लगी है
न जाने कैसी नज़र लगी है ज़माने की, अब वजह नहीं मिलती मुस्कुराने की !
छोड़ दिया है
छोड़ दिया है हमने..तेरे ख्यालों में जीना, . अब हम लोगों से नहीं..लोग हमसे इश्क करते हैं |
सारे अरमान माँग लो
प्यार से चाहे सारे अरमान माँग लो , रूठकर चाहे मेरी मुस्कान माँग लो, तमन्ना ये है कि ना देना कभी धोखा, फिर हँसकर चाहे मेरी जान माँग लो…
ना हूरों की तमन्ना
ना हूरों की तमन्ना है और न मैं परियो पे मरता हूँ… वो एक भोली सी लड़की है मैं जिसे प्यार करता हूँ!
छा जाती है
छा जाती है खामोशी अगर गुनाह अपने हों..!! बात दूसरे की हो तो शोर बहुत होता है….!!
जो जले थे
जो जले थे हमारे लिऐ, बुझ रहे है वो सारे दिये, कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिये..
वफ़ा का ज़िक्र
वफ़ा का ज़िक्र छिड़ा था कि रात बीत गई, अभी तो रंग जमा था कि रात बीत गई…
मत तरसा किसी को
मत तरसा किसी को इतना अपनी मोहब्बत के लिए… क्या पता तेरी ही मोहब्बत पाने के लिए जी रहा हो कोई|