रंग उन अनकही बातो का

रंग उन अनकही बातो का आज भी हरा है जाने कितने पतझड बीत गये….

मोहब्बत सिर्फ देखने से

मोहब्बत सिर्फ देखने से नहीं, कभी कभी बातो से भी हो जाती है…

हम तो बस

हम तो बस सवाल है जवाब अगर नही है,,तो आपका

कहानी ख़त्म हुई

कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई… कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए..

उम्मीदों के ताले

उम्मीदों के ताले पड़े के पड़े रह गए, तिज़ोरी उम्र की, ना जाने कब ख़ाली हो गई !!

अपने रिश्ते में

अपने रिश्ते में कभी शक़ को न आने देना ये बिना आग ही घर बार जला देता है!

उलझा के रख दिया है

उलझा के रख दिया है किसी ने जवाब को सीधा सा था सवाल….प्यार करते हो या नहीं…

प्यासे जब भी

प्यासे जब भी पानी-पानी करते हैं। दरिया वाले आना कानी करते है।।

उनकी आँखों से

उनकी आँखों से आँखें मिली और हमको नशा हो गया…

सितारे भी जाग रहे हो

सितारे भी जाग रहे हो रात भी सोई ना हो.. ऐ चाँद ले चल मुझे वहाँ जहाँ उसके सिवा कोई ना हो ।।

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