चेहरे बदल-बदल कर

चेहरे बदल-बदल कर मिलते है लोग मुझसे…. इतना बुरा सुलूक क्यूँ मेरी सादगी के साथ|

बहुत कुछ खो चूका हूँ

बहुत कुछ खो चूका हूँ, ऐ ज़िन्दगी तुझे सवारने की कोशीश में, अब बस ये जो कुछ लोग मेरे हैं, इन्हें मेरा ही रहने दे।

खता हो गयी तो

खता हो गयी तो,सजा सुना दो,दिल में इतना दर्द क्यूँ है,वजह बता दो,!देर हो सकती है,याद करने में जरुर,लेकिन तुम्हें भुला देंगे,ये ख्याल दिल से मिटा दो…।।

दर्द बनकर ही

दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ … सुना है दर्द बहुत वक़्त तक रहता है।

वक़्त लगेगा पर

वक़्त लगेगा पर संभल जायेगे एक दिन, ठोकर से गिरे है ग़ालिब अपनी नजेरो से नही।

झुलसती धूप में

झुलसती धूप में राहत मेरा साया नहीं देता वो मेरे साथ चलता है मगर छाया नहीं देता|

निगाह ए इश्क

निगाह ए इश्क का अब क्या करे जनाब जब भी देखा तुम्हे बेपनाह देखा|

पूछ लेते वो बस

पूछ लेते वो बस मिजाज मेरा ……. कितना आसान था इलाज मेरा….

अजीब पैमाना है

अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का….. जिसका जितना दर्द बुरा, शायरी उतनी ही अच्छी….

पलट कर ना आ

पलट कर ना आ जाए फिर सांस नब्ज़ों मे… इतने हसीन हाथों से मय्यत सजा रहा है कोई !

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