कभी हम भी

कभी हम भी हँसते खेलते और मुस्कुराते थे, ज़नाब…. ये इश्क़ की आदत ने सब कुछ बदल के रख दिया|

रोज ढलता हुआ

रोज ढलता हुआ सूरज कहता है मुझसे, आज उसको बेवफा हुए एक दिन और बीत गया ।

जरूरते भी जरूरी हैं

जरूरते भी जरूरी हैं, जीने के लिये लेकिन, तुझसे जरूरी तो , जिंदगी भी नही!

कभी कभी बहुत

कभी कभी बहुत सताता है यह सवाल मुझे, . हम मिले ही क्यूं थे जब हमें मिलना ही नहीं था..

चल पड़ी है

चल पड़ी है दुआएं मेरी अर्श की जानिब, तुम बस मेरे होने की तैयारी करो..

हर रोज गिरकर भी

हर रोज गिरकर भी, मुक्कमल खड़े हैं…! ए जिंदगी देख, मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं …!!

पसंद करने लगे हैं

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं।….

तुझसे बात करके

तुझसे बात करके ही चेहरे का रंग बदल जाता है ओर लोग पूछते है दवा का नाम कया है…

शूल क्या चुभेगा

शूल क्या चुभेगा जनाब जो बातें चुभ जाती है . याद आ आ कर बातें जख़्म हरा कर जाती है …..!!

तुम शबनम हो

तुम शबनम हो, . .. फूल पे सोये रहती हो…. हम पत्ते हैं, … दर्द से बिखरा करते हैं..

Exit mobile version